aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "kulaah"
सर पर हवा-ए-ज़ुल्म चले सौ जतन के साथअपनी कुलाह कज है उसी बाँकपन के साथ
मंसब न कुलाह चाहता हूँतन्हा हूँ गवाह चाहता हूँ
तिरे जवाहिर-ए-तरफ़-ए-कुलह को क्या देखेंहम औज-ए-ताला-ए-लाला-ओ-गुहर को देखते हैं
बराए अहल-ए-जहाँ लाख कज-कुलाह थे हमगए हरीम-ए-सुख़न में तो आजिज़ी से गए
कमान-ए-ख़ाना-ए-अफ़्लाक के मुक़ाबिल भीमैं उस से और वो फिर कज-कुलाह मुझ से हुआ
सूझी है उल्टी दश्त-नवर्दी में ऐ जुनूँपाँव में आबले की तरह से कुलाह हो
मय-ख़ाना-ए-हस्ती का जब दौर ख़राब आयाकुल्लड़ में शराब आई पत्ते पे कबाब आया
कज-कुलाही पे न मग़रूर हुआ कर इतनासर उतर आते हैं शाहों के भी दस्तार के साथ
Devoted to the preservation & promotion of Urdu
A Trilingual Treasure of Urdu Words
Online Treasure of Sufi and Sant Poetry
World of Hindi language and literature
The best way to learn Urdu online
Best of Urdu & Hindi Books