aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "ma.njhlii"
अंजाम-ए-वफ़ा ये है जिस ने भी मोहब्बत कीमरने की दुआ माँगी जीने की सज़ा पाई
दुआ को हात उठाते हुए लरज़ता हूँकभी दुआ नहीं माँगी थी माँ के होते हुए
मैं ने माँगी थी उजाले की फ़क़त एक किरनतुम से ये किस ने कहा आग लगा दी जाए
माँगी थी एक बार दुआ हम ने मौत कीशर्मिंदा आज तक हैं मियाँ ज़िंदगी से हम
मैं ने दिन रात ख़ुदा से ये दुआ माँगी थीकोई आहट न हो दर पर मिरे जब तू आए
एक ही शय थी ब-अंदाज़-ए-दिगर माँगी थीमैं ने बीनाई नहीं तुझ से नज़र माँगी थी
शामें किसी को माँगती हैं आज भी 'फ़िराक़'गो ज़िंदगी में यूँ मुझे कोई कमी नहीं
मोहब्बतें तो फ़क़त इंतिहाएँ माँगती हैंमोहब्बतों में भला ए'तिदाल क्या करना
यूँ ही आँखों में आ गए आँसूजाइए आप कोई बात नहीं
माँग कर तुझ से ख़ुशी लूँ मुझे मंज़ूर नहींकिस का माँगी हुई दौलत से भला होता है
कैसा इंसाँ तरस रहा है जीने कोकैसे साहिल पर इक मछली ज़िंदा है
ऐ मिरे घर की फ़ज़ाओं से गुरेज़ाँ महताबअपने घर के दर-ओ-दीवार को कैसे छोड़ूँ
अब मा-हसल हयात का बस ये है ऐ 'सलाम'सिगरेट जलाई शे'र कहे शादमाँ हुए
मौत माँगी थी ख़ुदाई तो नहीं माँगी थीले दुआ कर चुके अब तर्क-ए-दुआ करते हैं
शहसवारों ने रौशनी माँगीमैं ने बैसाखियाँ जला डालीं
ग़म मुसलसल हो तो अहबाब बिछड़ जाते हैंअब न कोई दिल-ए-तन्हा के क़रीं आएगा
इक तेरी तमन्ना ने कुछ ऐसा नवाज़ा हैमाँगी ही नहीं जाती अब कोई दुआ हम से
कभी कभी अर्ज़-ए-ग़म की ख़ातिर हम इक बहाना भी चाहते हैंजब आँसुओं से भरी हों आँखें तो मुस्कुराना भी चाहते हैं
सहरा का सफ़र था तो शजर क्यूँ नहीं आयामाँगी थीं दुआएँ तो असर क्यूँ नहीं आया
तुम शराब पी कर भी होश-मंद रहते होजाने क्यूँ मुझे ऐसी मय-कशी नहीं आई
Devoted to the preservation & promotion of Urdu
A Trilingual Treasure of Urdu Words
Online Treasure of Sufi and Sant Poetry
World of Hindi language and literature
The best way to learn Urdu online
Best of Urdu & Hindi Books