aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "mamuulaa"
जंग तो ख़ुद ही एक मसअला हैजंग क्या मसअलों का हल देगी
आज भी शायद कोई फूलों का तोहफ़ा भेज देतितलियाँ मंडला रही हैं काँच के गुल-दान पर
मैं इस लिए हुजूम का हिस्सा नहीं बनासूरज कभी नुजूम का हिस्सा नहीं बना
किसी ने रख दिए ममता-भरे दो हाथ क्या सर परमिरे अंदर कोई बच्चा बिलक कर रोने लगता है
दिल से तो हर मोआमला कर के चले थे साफ़ हमकहने में उन के सामने बात बदल बदल गई
खुलता किसी पे क्यूँ मिरे दिल का मोआमलाशेरों के इंतिख़ाब ने रुस्वा किया मुझे
तुझ को पाने में मसअला ये हैतुझ को खोने के वसवसे रहेंगे
उस से हर-दम मोआ'मला है मगरदरमियाँ कोई सिलसिला ही नहीं
मसअला जब भी चराग़ों का उठाफ़ैसला सिर्फ़ हवा करती है
दिल का दुख जाना तो दिल का मसअला है पर हमेंउस का हँस देना हमारे हाल पर अच्छा लगा
गवाही कैसे टूटती मुआमला ख़ुदा का थामिरा और उस का राब्ता तो हाथ और दुआ का था
मुझे मनाओ नहीं मेरा मसअला समझोख़फ़ा नहीं मैं परेशान हूँ ज़माने से
वो माज़ी जो है इक मजमुआ अश्कों और आहों कान जाने मुझ को इस माज़ी से क्यूँ इतनी मोहब्बत है
किस शफ़क़त में गुँधे हुए मौला माँ बाप दिएकैसी प्यारी रूहों को मेरी औलाद किया
किस से शिकवा करें वीरानी-ए-हस्ती का 'हयात'हम ने ख़ुद अपनी तमन्नाओं को जीने न दिया
मसअला था तो बस अना का थाफ़ासले दरमियाँ के थे ही नहीं
हज़ार शौक़ नुमायाँ थे जिस नज़र से कभीवही निगाह बड़ी अजनबी सी लगती है
ऐ मिरे चारागर तिरे बस में नहीं मोआमलासूरत-ए-हाल के लिए वाक़िफ़-ए-हाल चाहिए
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