aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "mausam"
तुम्हारे शहर का मौसम बड़ा सुहाना लगेमैं एक शाम चुरा लूँ अगर बुरा न लगे
कुछ तो तिरे मौसम ही मुझे रास कम आएऔर कुछ मिरी मिट्टी में बग़ावत भी बहुत थी
मैं आख़िर कौन सा मौसम तुम्हारे नाम कर देतायहाँ हर एक मौसम को गुज़र जाने की जल्दी थी
दूर तक छाए थे बादल और कहीं साया न थाइस तरह बरसात का मौसम कभी आया न था
रंग ख़ुश्बू और मौसम का बहाना हो गयाअपनी ही तस्वीर में चेहरा पुराना हो गया
मिरी ज़बान के मौसम बदलते रहते हैंमैं आदमी हूँ मिरा ए'तिबार मत करना
तुम्हारे साथ ये मौसम फ़रिश्तों जैसा हैतुम्हारे बा'द ये मौसम बहुत सताएगा
आँखों से मोहब्बत के इशारे निकल आएबरसात के मौसम में सितारे निकल आए
आँख भर आई किसी से जो मुलाक़ात हुईख़ुश्क मौसम था मगर टूट के बरसात हुई
ज़रा मौसम तो बदला है मगर पेड़ों की शाख़ों पर नए पत्तों के आने में अभी कुछ दिन लगेंगेबहुत से ज़र्द चेहरों पर ग़ुबार-ए-ग़म है कम बे-शक पर उन को मुस्कुराने में अभी कुछ दिन लगेंगे
सर्दी में दिन सर्द मिलाहर मौसम बेदर्द मिला
यूँ चार दिन की बहारों के क़र्ज़ उतारे गएतुम्हारे बअ'द के मौसम फ़क़त गुज़ारे गए
यूँही मौसम की अदा देख के याद आया हैकिस क़दर जल्द बदल जाते हैं इंसाँ जानाँ
अच्छी क़िस्मत अच्छा मौसम अच्छे लोगफिर भी दिल घबरा जाता है बाज़ औक़ात
कितने मौसम सरगर्दां थे मुझ से हाथ मिलाने मेंमैं ने शायद देर लगा दी ख़ुद से बाहर आने में
यारो नए मौसम ने ये एहसान किए हैंअब याद मुझे दर्द पुराने नहीं आते
मेरे पास से उठ कर वो उस का जानासारी कैफ़िय्यत है गुज़रते मौसम सी
मैं खिल नहीं सका कि मुझे नम नहीं मिलासाक़ी मिरे मिज़ाज का मौसम नहीं मिला
तेरे आने का इंतिज़ार रहाउम्र भर मौसम-ए-बहार रहा
मैं एक से किसी मौसम में रह नहीं सकताकभी विसाल कभी हिज्र से रिहाई दे
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