aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "maveshii"
इक वडेरा कुछ मवेशी ले के बैठा है यहाँगाँव की जितनी भी आबादी है आबादी नहीं
आज फिर माँ मुझे मारेगी बहुत रोने परआज फिर गाँव में आया है खिलौने वाला
इस डूबते सूरज से तो उम्मीद ही क्या थीहँस हँस के सितारों ने भी दिल तोड़ दिया है
हाल कह देते हैं नाज़ुक से इशारे अक्सरकितनी ख़ामोश निगाहों की ज़बाँ होती है
उन के गेसू सँवरते जाते हैंहादसे हैं गुज़रते जाते हैं
ख़ुद-शनासी थी जुस्तुजू तेरीतुझ को ढूँडा तो आप को पाया
झुकाना सीखना पड़ता है सर लोगों के क़दमों मेंयूँही जम्हूरियत में हाथ सरदारी नहीं आती
शाम-ए-हिज्राँ भी इक क़यामत थीआप आए तो मुझ को याद आया
तस्कीन दे सकेंगे न जाम-ओ-सुबू मुझेबेचैन कर रही है तिरी आरज़ू मुझे
मोहब्बत का उन को यक़ीं आ चला हैहक़ीक़त बने जा रहे हैं फ़साने
तस्वीर-ए-ज़िंदगी में नया रंग भर गएवो हादसे जो दिल पे हमारे गुज़र गए
उन मस्त निगाहों ने ख़ुद अपना भरम खोलाइंकार के पर्दे में इक़रार नज़र आए
बहुत दुश्वार थी राह-ए-मोहब्बतहमारा साथ देते हम-सफ़र क्या
कौन समझे हम पे क्या गुज़री है 'नक़्श'दिल लरज़ उठता है ज़िक्र-ए-शाम से
यूँ रूठ के जाने पे मैं ख़ामोश हूँ लेकिनये बात मिरे दिल को गवारा तो नहीं है
मिरी नाकामियों पर हँसने वालेतिरे पहलू में शायद दिल नहीं है
दुनिया से हट के इक नई दुनिया बना सकेंकुछ अहल-ए-आरज़ू इसी हसरत में मर गए
यूँ गुज़रते हैं हिज्र के लम्हेजैसे वो बात करते जाते हैं
अग़्यार का शिकवा नहीं इस अहद-ए-हवस मेंइक उम्र के यारों ने भी दिल तोड़ दिया है
किस तरह करें तुझ से गिला तेरे सितम कामदहोश इशारों ने भी दिल तोड़ दिया है
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