आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "mizaaj-e-muqaddas"
शेर के संबंधित परिणाम "mizaaj-e-muqaddas"
शेर
हूँ मैं वो दीवाना-ए-नाज़ुक-मिज़ाज-ए-गुल-रुख़ाँ
कीजिए ज़ंजीर जिस को साया-ए-ज़ंजीर से
मीर मोहम्मदी बेदार
शेर
न मिज़ाज-ए-नाज़-ए-जल्वा कभी पा सकीं निगाहें
कि उलझ के रह गई हैं तिरी ज़ुल्फ़-ए-ख़म-ब-ख़म में
अख़्तर ओरेनवी
शेर
हमेशा से मिज़ाज-ए-हुस्न में दिक़्क़त-पसंदी है
मिरी दुश्वारियाँ आसान होना सख़्त मुश्किल है
मिर्ज़ा मोहम्मद हादी अज़ीज़ लखनवी
शेर
मिज़ाज-ए-हुस्न तो इक हाल पर रहा क़ाएम
लुटाने वालों ने सब कुछ लुटा के देख लिया
अबु मोहम्मद वासिल बहराईची
शेर
अगर बख़्शे ज़हे क़िस्मत न बख़्शे तो शिकायत क्या
सर-ए-तस्लीम ख़म है जो मिज़ाज-ए-यार में आए
नवाब अली असग़र
शेर
दिल धड़कता है शब-ए-ग़म में कहीं ऐसा न हो
मर्ग भी बन कर मिज़ाज-ए-यार तरसाए मुझे
मुंशी अमीरुल्लाह तस्लीम
शेर
अपनी ज़िंदगानी के तुंद-ओ-तेज़-रौ धारे
कुछ मिज़ाज-ए-दिलबर की बरहमी से मिलते हैं