aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
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इक लड़का था इक लड़की थीआगे अल्लाह की मर्ज़ी थी
मिला हमें बस एक ख़ुदाऔर वो भी बेदर्द मिला
इक दिया देर से जलता होगासाथ थोड़ी सी हवा ले जाऊँ
बाज़ार के दामों की शिकायत है हर इक कोफिर भी सर-ए-बाज़ार बड़ी भीड़ लगी है
यार आज मैं ने भी इक कमाल करना हैजिस्म से निकलना है जी बहाल करना है
इक याद रह गई है मगर वो भी कम नहींइक दर्द रह गया है सो रखना सँभाल कर
और बाज़ार से क्या ले जाऊँपहली बारिश का मज़ा ले जाऊँ
मौत न आई तो 'अल्वी'छुट्टी में घर जाएँगे
आज फिर मुझ से कहा दरिया नेक्या इरादा है बहा ले जाऊँ
अरे ये दिल और इतना ख़ालीकोई मुसीबत ही पाल रखिए
कुछ तो इस दिल को सज़ा दी जाएउस की तस्वीर हटा दी जाए
ये कहाँ दोस्तों में आ बैठेहम तो मरने को घर से निकले थे
उन दिनों घर से अजब रिश्ता थासारे दरवाज़े गले लगते थे
अब तो चुप-चाप शाम आती हैपहले चिड़ियों के शोर होते थे
रात मिली तन्हाई मिली और जाम मिलाघर से निकले तो क्या क्या आराम मिला
अब किसी की याद भी आती नहींदिल पे अब फ़िक्रों के पहरे हो गए
बहुत नेक बंदे हैं अब भी तिरेकिसी पर तो या-रब वही भेज दे
तिरा न मिलना अजब गुल खिला गया अब केतिरे ही जैसा कोई दूसरा मिला मुझ को
भाप उड़-उड़ के मेरी चाय सेउस का पैकर बनाती रहती है
उस से मिले ज़माना हुआ लेकिन आज भीदिल से दुआ निकलती है ख़ुश हो जहाँ भी हो
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