आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "mumayyaz"
शेर के संबंधित परिणाम "mumayyaz"
शेर
मेले में गर नज़र न आता रूप किसी मतवाली का
फीका फीका रह जाता त्यौहार भी इस दीवाली का
मुमताज़ गुर्मानी
शेर
ग़म-ओ-कर्ब-ओ-अलम से दूर अपनी ज़िंदगी क्यूँ हो
यही जीने का सामाँ हैं तो फिर इन में कमी क्यूँ हो
मुमताज़ अहमद ख़ाँ ख़ुशतर खांडवी
शेर
दोस्तो क्या क्या दिवाली में नशात-ओ-ऐश है
सब मुहय्या है जो इस हंगाम के शायाँ है शय
नज़ीर अकबराबादी
शेर
उसी को हम समझ लेते हैं अपना सादगी देखो
जो अपने साथ राह-ए-शौक़ में दो गाम आता है
मुमताज़ अहमद ख़ाँ ख़ुशतर खांडवी
शेर
कहाँ रह जाए थक कर रह-नवर्द-ए-ग़म ख़ुदा जाने
हज़ारों मंज़िलें हैं मंज़िल-ए-आराम आने तक
मुमताज़ अहमद ख़ाँ ख़ुशतर खांडवी
शेर
जब से फ़रेब-ए-ज़ीस्त में आने लगा हूँ मैं
ख़ुद अपनी मुश्किलों को बढ़ाने लगा हूँ मैं