आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "muusaa"
शेर के संबंधित परिणाम "muusaa"
शेर
एक मूसा थे कि उन का ज़िक्र हर महफ़िल में है
और इक मैं हूँ कि अब तक मेरे दिल की दिल में है
मंज़र लखनवी
शेर
मूसा ने कोह-ए-तूर पे देखा जो कुछ वही
आता है आरिफ़ों को नज़र संग-ओ-ख़िश्त में
मुसहफ़ी ग़ुलाम हमदानी
शेर
तुम्हारी जल्वा-गाह-ए-नाज़ में अंधेर ही कब था
ये मूसा दौड़ कर किस को दिखाने शम्अ' तूर आए
मुज़्तर ख़ैराबादी
शेर
तू जो मूसा हो तो उस का हर तरफ़ दीदार है
सब अयाँ है क्या तजल्ली को यहाँ तकरार है
शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम
शेर
नूर था या शो'ला था या बर्क़ या ख़ुर्शीद था
कुछ तो ऐ मूसा कहो क्या था वो जल्वा तूर का