aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "nando.n"
ये जब्र भी देखा है तारीख़ की नज़रों नेलम्हों ने ख़ता की थी सदियों ने सज़ा पाई
शाम तक सुब्ह की नज़रों से उतर जाते हैंइतने समझौतों पे जीते हैं कि मर जाते हैं
याद उस की इतनी ख़ूब नहीं 'मीर' बाज़ आनादान फिर वो जी से भुलाया न जाएगा
घरों पे नाम थे नामों के साथ ओहदे थेबहुत तलाश किया कोई आदमी न मिला
होशियारी दिल-ए-नादान बहुत करता हैरंज कम सहता है एलान बहुत करता है
वो किसी को याद कर के मुस्कुराया था उधरऔर मैं नादान ये समझा कि वो मेरा हुआ
वतन की फ़िक्र कर नादाँ मुसीबत आने वाली हैतिरी बर्बादियों के मशवरे हैं आसमानों में
ये किन नज़रों से तू ने आज देखाकि तेरा देखना देखा न जाए
आँखें जो उठाए तो मोहब्बत का गुमाँ होनज़रों को झुकाए तो शिकायत सी लगे है
फ़ासला नज़रों का धोका भी तो हो सकता हैवो मिले या न मिले हाथ बढ़ा कर देखो
दिल-ए-नादाँ तुझे हुआ क्या हैआख़िर इस दर्द की दवा क्या है
ज़बाँ ख़ामोश मगर नज़रों में उजाला देखाउस का इज़हार-ए-मोहब्बत भी निराला देखा
मुझ सा कोई जहान में नादान भी न होकर के जो इश्क़ कहता है नुक़सान भी न हो
धोका था निगाहों का मगर ख़ूब था धोकामुझ को तिरी नज़रों में मोहब्बत नज़र आई
कितने नादाँ हैं तिरे भूलने वाले कि तुझेयाद करने के लिए उम्र पड़ी हो जैसे
लोग नज़रों को भी पढ़ लेते हैंअपनी आँखों को झुकाए रखना
मय पी के जो गिरता है तो लेते हैं उसे थामनज़रों से गिरा जो उसे फिर किस ने सँभाला
मेरी ख़ामोशियों में लर्ज़ां हैमेरे नालों की गुम-शुदा आवाज़
पाल ले इक रोग नादाँ ज़िंदगी के वास्तेसिर्फ़ सेह्हत के सहारे उम्र तो कटती नहीं
पहली बार नज़रों ने चाँद बोलते देखाहम जवाब क्या देते खो गए सवालों में
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