आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "nazr-e-imtihaa.n"
शेर के संबंधित परिणाम "nazr-e-imtihaa.n"
शेर
उन सफ़ीनों की तबाही में है इबरत का सबक़
जो किनारे तक पहुँच कर नज़्र-ए-तूफ़ाँ हो गए
महफूजुर्रहमान आदिल
शेर
ये है आवारा-तबीअत और वो नाज़ुक-मिज़ाज
मैं दिल-ए-वारफ़्ता नज़्र-ए-यार कर सकता नहीं
मिर्ज़ा आसमान जाह अंजुम
शेर
कर लीजे 'रज़िया' से मोहब्बत हम पर कीजे नज़र-ए-करम
वो बे-चारी फँस जाएगी हम उस को समझाएँगे