aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "paa.emaal"
ग़म से बिखरा न पाएमाल हुआमैं तो ग़म से ही बे-मिसाल हुआ
कोई तो बात होगी कि करने पड़े हमेंअपने ही ख़्वाब अपने ही क़दमों से पाएमाल
तमाम उम्र नए लफ़्ज़ की तलाश रहीकिताब-ए-दर्द का मज़मूँ था पाएमाल ऐसा
वो हाथ उन के चूमती है मैं हूँ पाएमालये हैं मिरे नसीब वो क़िस्मत हिना की है
मिरी तो ख़ाक भी तेरे क़दम न छोड़ेगीज़रा तू आने तो दे अपने पाएमाल का वक़्त
ग़म सिवा इश्क़ का मआल नहींकौन दिल है जो पाएमाल नहीं
तुम मुझे छोड़ के जाओगे तो मर जाऊँगायूँ करो जाने से पहले मुझे पागल कर दो
दिल पागल है रोज़ नई नादानी करता हैआग में आग मिलाता है फिर पानी करता है
दिल भी पागल है कि उस शख़्स से वाबस्ता हैजो किसी और का होने दे न अपना रक्खे
रोज़ तारों को नुमाइश में ख़लल पड़ता हैचाँद पागल है अँधेरे में निकल पड़ता है
जिधर जाते हैं सब जाना उधर अच्छा नहीं लगतामुझे पामाल रस्तों का सफ़र अच्छा नहीं लगता
अपनी ही तेग़-ए-अदा से आप घायल हो गयाचाँद ने पानी में देखा और पागल हो गया
दीवारों से मिल कर रोना अच्छा लगता हैहम भी पागल हो जाएँगे ऐसा लगता है
लगता नहीं है दिल मिरा उजड़े दयार मेंकिस की बनी है आलम-ए-ना-पाएदार में
उम्र का लम्बा हिस्सा कर के दानाई के नामहम भी अब ये सोच रहे हैं पागल हो जाएँ
कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता हैमगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है
न तुम्हें होश रहे और न मुझे होश रहेइस क़दर टूट के चाहो मुझे पागल कर दो
दिन तो ख़ैर गुज़र जाता हैरातें पागल कर देती हैं
बदन के कर्ब को वो भी समझ न पाएगामैं दिल में रोऊँगी आँखों में मुस्कुराऊँगी
यहाँ कोई न जी सका न जी सकेगा होश मेंमिटा दे नाम होश का शराब ला शराब ला
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