aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "pappaa"
जब भी वालिद की जफ़ा याद आईअपने दादा की ख़ता याद आई
दुश्मनों की दुश्मनी मेरे लिए आसान थीख़र्च आया दोस्तों की मेज़बानी में बहुत
काश लौटें मिरे पापा भी खिलौने ले करकाश फिर से मिरे हाथों में ख़ज़ाना आए
यहाँ जितने हैं अपने बाप के हैंतुम्हारे बाप का कोई नहीं है
दूसरी ने जो सँभाली चप्पलपहली बीवी की वफ़ा याद आई
जल गया कौन मेरे हँसने पर''ये धुआँ सा कहाँ से उठता है''
इश्क़ औलाद कर रही है मगरमेरा जीना हराम होता है
ज़ुल्फ़ के पेच में लटके हुए शाएर का वजूदथक चुका होगा उसे मिल के उतारो यारो
अपने दम से है ज़माने में घोटालों का वजूदहम जहाँ होंगे घोटाले ही घोटाले होंगे
कहा इठला के उस ने आइए नायहाँ मेरे सिवा कोई नहीं है
जब हुआ काले का गोरे से मिलापमिल गईं तारीकियाँ तनवीर से
झूट है दिल न जाँ से उठता हैये धुआँ दरमियाँ से उठता है
मार लाता है जूतियाँ दो चार''जो तिरे आस्ताँ से उठता है''
दबाना शर्त है बजते हैं सारेखिलौना बे-सदा कोई नहीं है
नन्हे लबों ने हँस के जो पापा कहा मुझेदिन भर की मेरी सारी थकावट उतर गई
हम कि हैं बे-घर कोई वॉरन्ट लाएगा कहाँजुर्म की आसानियाँ हैं ला-मकानी में बहुत
पत्ता पत्ता बूटा बूटा हाल हमारा जाने हैजाने न जाने गुल ही न जाने बाग़ तो सारा जाने है
इश्क़ से तबीअत ने ज़ीस्त का मज़ा पायादर्द की दवा पाई दर्द-ए-बे-दवा पाया
अपने मन में डूब कर पा जा सुराग़-ए-ज़ि़ंदगीतू अगर मेरा नहीं बनता न बन अपना तो बन
कोई मुझ तक पहुँच नहीं पाताइतना आसान है पता मेरा
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