aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "parveen-shakir"
वो तो ख़ुश-बू है हवाओं में बिखर जाएगामसअला फूल का है फूल किधर जाएगा
हुस्न के समझने को उम्र चाहिए जानाँदो घड़ी की चाहत में लड़कियाँ नहीं खुलतीं
इतने घने बादल के पीछेकितना तन्हा होगा चाँद
मैं सच कहूँगी मगर फिर भी हार जाऊँगीवो झूट बोलेगा और ला-जवाब कर देगा
बारहा तेरा इंतिज़ार कियाअपने ख़्वाबों में इक दुल्हन की तरह
राय पहले से बना ली तू नेदिल में अब हम तिरे घर क्या करते
रात के शायद एक बजे हैंसोता होगा मेरा चाँद
कुछ तो तिरे मौसम ही मुझे रास कम आएऔर कुछ मिरी मिट्टी में बग़ावत भी बहुत थी
चलने का हौसला नहीं रुकना मुहाल कर दियाइश्क़ के इस सफ़र ने तो मुझ को निढाल कर दिया
दुश्मनों के साथ मेरे दोस्त भी आज़ाद हैंदेखना है खींचता है मुझ पे पहला तीर कौन
कुछ तो हवा भी सर्द थी कुछ था तिरा ख़याल भीदिल को ख़ुशी के साथ साथ होता रहा मलाल भी
वो न आएगा हमें मालूम था इस शाम भीइंतिज़ार उस का मगर कुछ सोच कर करते रहे
अपनी रुस्वाई तिरे नाम का चर्चा देखूँइक ज़रा शेर कहूँ और मैं क्या क्या देखूँ
शब वही लेकिन सितारा और हैअब सफ़र का इस्तिआरा और है
घर आप ही जगमगा उठेगादहलीज़ पे इक क़दम बहुत है
गुलाबी पाँव मिरे चम्पई बनाने कोकिसी ने सहन में मेहंदी की बाड़ उगाई हो
कैसे कह दूँ कि मुझे छोड़ दिया है उस नेबात तो सच है मगर बात है रुस्वाई की
हारने में इक अना की बात थीजीत जाने में ख़सारा और है
वो मुझ को छोड़ के जिस आदमी के पास गयाबराबरी का भी होता तो सब्र आ जाता
मसअला जब भी चराग़ों का उठाफ़ैसला सिर्फ़ हवा करती है
Devoted to the preservation & promotion of Urdu
A Trilingual Treasure of Urdu Words
Online Treasure of Sufi and Sant Poetry
World of Hindi language and literature
The best way to learn Urdu online
Best of Urdu & Hindi Books