आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "qad-e-ilhaam"
शेर के संबंधित परिणाम "qad-e-ilhaam"
शेर
मैं ने कब दावा-ए-इल्हाम किया है 'ताबाँ'
लिख दिया करता हूँ जो दिल पे गुज़रती जाए
ग़ुलाम रब्बानी ताबाँ
शेर
रिज़्वानुल्लाह
शेर
सज दिया हैरत-ए-उश्शाक़ ने इस बुत का मकाँ
क़द्द-ए-आदम हैं लगे आइने दीवारों में
वज़ीर अली सबा लखनवी
शेर
देखा है ये परछाईं की दुनिया में कि अक्सर
अपने क़द-ओ-क़ामत से भी कुछ लोग बड़े हैं
अख़्तर होशियारपुरी
शेर
इस ज़माने में न हो क्यूँकर हमारा दिल उदास
देख कर अहवाल-ए-आलम उड़ते जाते हैं हवास