aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "qubuul"
शर्तें लगाई जाती नहीं दोस्ती के साथकीजे मुझे क़ुबूल मिरी हर कमी के साथ
कहीं वो आ के मिटा दें न इंतिज़ार का लुत्फ़कहीं क़ुबूल न हो जाए इल्तिजा मेरी
क़ुबूल कैसे करूँ उन का फ़ैसला कि ये लोगमिरे ख़िलाफ़ ही मेरा बयान माँगते हैं
होती नहीं क़ुबूल दुआ तर्क-ए-इश्क़ कीदिल चाहता न हो तो ज़बाँ में असर कहाँ
तेरी शर्तों पे ही करना है अगर तुझ को क़ुबूलये सुहुलत तो मुझे सारा जहाँ देता है
'हसरत' की भी क़ुबूल हो मथुरा में हाज़िरीसुनते हैं आशिक़ों पे तुम्हारा करम है आज
बात हक़ है तो फिर क़ुबूल करोये न देखो कि कौन कहता है
सितम तो ये है कि वो भी न बन सका अपनाक़ुबूल हम ने किए जिस के ग़म ख़ुशी की तरह
कैसे टुकड़ों में उसे कर लूँ क़ुबूलजो मिरा सारे का सारा था कभी
मुझे को महरूमी-ए-नज़ारा क़ुबूलआप जल्वे न अपने आम करें
क़ुबूल हो कि न हो सज्दा ओ सलाम अपनातुम्हारे बंदे हैं हम बंदगी है काम अपना
रहमत अगर क़ुबूल करे क्या बईद हैशर्मिंदगी से उज़्र न करना गुनाह का
रफ़्ता रफ़्ता क़ुबूल होंगे उसेरौशनी के लिए नए हैं हम
क़ुबूल इस बारगह में इल्तिजा कोई नहीं होतीइलाही या मुझी को इल्तिजा करना नहीं आता
पत्थर है तेरे हाथ में या कोई फूल हैजब तू क़ुबूल है तिरा सब कुछ क़ुबूल है
मैं ने क़ुबूल कर लिया चुप चाप वो गुलाबजो शाख़ दे रही थी तिरी ओर से मुझे
तू दिल पे बोझ ले के मुलाक़ात को न आमिलना है इस तरह तो बिछड़ना क़ुबूल है
नमाज़-ए-इश्क़ तुम्हारी क़ुबूल हो जातीअगर शराब से तुम ऐ 'रतन' वज़ू करते
हम ने ख़ुद अपने-आप ज़माने की सैर कीहम ने क़ुबूल की न किसी रहनुमा की शर्त
मुझ को नहीं क़ुबूल दो-आलम की वुसअतेंक़िस्मत में कू-ए-यार की दो-गज़ ज़मीं रहे
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