आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "raahat-e-qalb"
शेर के संबंधित परिणाम "raahat-e-qalb"
शेर
ये ज़मज़मा तुयूर-ए-ख़ुश-आहंग का नहीं
है नग़्मा-संज बुलबुल-ए-रंगीं-नवा-ए-क़ल्ब
पंडित जवाहर नाथ साक़ी
शेर
राहत-ए-बे-ख़लिश अगर मिल भी गई तो क्या मज़ा
तल्ख़ी-ए-ग़म भी चाहिए बादा-ए-ख़ुश-गवार में
जिगर मुरादाबादी
शेर
यही आदत तो है 'सादी' सुकून-ए-क़ल्ब का बाइस
मैं नफ़रत भूल जाता हूँ मोहब्बत बाँट देता हूँ
सईद इक़बाल सादी
शेर
ये हादिसा भी हुआ है कि इश्क़-ए-यार की याद
दयार-ए-क़ल्ब से बेगाना-वार गुज़री है
सय्यद आबिद अली आबिद
शेर
जुनूँ के शहर में नीं कम-अयार कूँ हुर्मत
मैं नक़्द-ए-क़ल्ब कूँ काँटे में दिल के तोल चुका
सिराज औरंगाबादी
शेर
उश्शाक़ जो तसव्वुर-ए-बर्ज़ख़ के हो गए
आती है दम-ब-दम ये उन्हीं को सदा-ए-क़ल्ब
पंडित जवाहर नाथ साक़ी
शेर
आश्ना जब तक न था उस की निगाह-ए-लुत्फ़ से
वारदात-ए-क़ल्ब को हुस्न-ए-बयाँ समझा था मैं
हबीब अहमद सिद्दीक़ी
शेर
मेरे सुकून-ए-क़ल्ब को ले कर चले गए
और इज़्तिराब-ए-दर्द-ए-जिगर दे गए मुझे
अलीम अख़्तर मुज़फ़्फ़र नगरी
शेर
ग़ुलाम हुसैन साजिद
शेर
शबाब-ए-हुस्न है बर्क़-ओ-शरर की मंज़िल है
ये आज़माइश-ए-क़ल्ब-ओ-नज़र की मंज़िल है