आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "reg"
शेर के संबंधित परिणाम "reg"
शेर
ये दिल की बे-क़रारी ख़ाक हो कर भी न जाएगी
सुनाती है लब-ए-साहिल से ये रेग-ए-रवाँ मुझ को
नज़्म तबातबाई
शेर
शैख़ अपनी रग को क्या करें रेशे को क्या करें
मज़हब के झगड़े छोड़ें तो पेशे को क्या करें
अकबर इलाहाबादी
शेर
मौसम-ए-होली है दिन आए हैं रंग और राग के
हम से तुम कुछ माँगने आओ बहाने फाग के