आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "ridaa-e-zulf"
शेर के संबंधित परिणाम "ridaa-e-zulf"
शेर
वो हवा-ख़्वाह-ए-नसीम-ए-ज़ुल्फ़ हूँ मैं तीरा-बख़्त
क्यूँ न मरक़द पर करे दूद-ए-चराग़-ए-शाम रक़्स
मुंशी खैराती लाल शगुफ़्ता
शेर
सर्व को देख के कहता है दिल-ए-बस्ता-ए-ज़ुल्फ़
हम गिरफ़्तार हैं इस बाग़ में आज़ाद हैं सब
अमानत लखनवी
शेर
ज़ाहिद मसूद
शेर
या गुफ़्तुगू हो उन लब-ओ-रुख़्सार-ओ-ज़ुल्फ़ की
या उन ख़मोश नज़रों के लुत्फ़-ए-सुख़न की बात
जयकृष्ण चौधरी हबीब
शेर
रहने दे ज़िक्र-ए-ख़म-ए-ज़ुल्फ़-ए-मुसलसल को नदीम
उस के तो ध्यान से भी होता है दिल को उलझाओ
दत्तात्रिया कैफ़ी
शेर
दिल को ऐ इश्क़ सू-ए-ज़ुल्फ़-ए-सियह-फ़ाम न भेज
रहज़नों में तू मुसाफ़िर को सर-ए-शाम न भेज
जुरअत क़लंदर बख़्श
शेर
कूचा-ए-ज़ुल्फ़ में फिरता हूँ भटकता कब का
शब-ए-तारीक है और मिलती नहीं राह कहीं
मुसहफ़ी ग़ुलाम हमदानी
शेर
रुख़ तह-ए-ज़ुल्फ़ है और ज़ुल्फ़ परेशाँ सर पर
माँग बालों में नहीं है ये नुमायाँ सर पर
असद अली ख़ान क़लक़
शेर
उस के कूचे में सदा मुझ को नज़र आता है
बस्ता-ए-ज़ुल्फ़ कोई रफ़्ता-ए-रफ़्तार कोई