aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "saame"
हम को मिटा सके ये ज़माने में दम नहींहम से ज़माना ख़ुद है ज़माने से हम नहीं
उस के चेहरे की चमक के सामने सादा लगाआसमाँ पे चाँद पूरा था मगर आधा लगा
तू शाहीं है परवाज़ है काम तेरातिरे सामने आसमाँ और भी हैं
वो बात सारे फ़साने में जिस का ज़िक्र न थावो बात उन को बहुत ना-गवार गुज़री है
किसी को अपने अमल का हिसाब क्या देतेसवाल सारे ग़लत थे जवाब क्या देते
फ़ासले ऐसे भी होंगे ये कभी सोचा न थासामने बैठा था मेरे और वो मेरा न था
सामने है जो उसे लोग बुरा कहते हैंजिस को देखा ही नहीं उस को ख़ुदा कहते हैं
फूल गुल शम्स ओ क़मर सारे ही थेपर हमें उन में तुम्हीं भाए बहुत
वो चेहरा किताबी रहा सामनेबड़ी ख़ूबसूरत पढ़ाई हुई
वो एक ही चेहरा तो नहीं सारे जहाँ मेंजो दूर है वो दिल से उतर क्यूँ नहीं जाता
ख़ूब पर्दा है कि चिलमन से लगे बैठे हैंसाफ़ छुपते भी नहीं सामने आते भी नहीं
हयात ले के चलो काएनात ले के चलोचलो तो सारे ज़माने को साथ ले के चलो
ख़ंजर चले किसी पे तड़पते हैं हम 'अमीर'सारे जहाँ का दर्द हमारे जिगर में है
भाँप ही लेंगे इशारा सर-ए-महफ़िल जो कियाताड़ने वाले क़यामत की नज़र रखते हैं
होगा किसी दीवार के साए में पड़ा 'मीर'क्या रब्त मोहब्बत से उस आराम-तलब को
बिछड़ा कुछ इस अदा से कि रुत ही बदल गईइक शख़्स सारे शहर को वीरान कर गया
ये कह के दिल ने मिरे हौसले बढ़ाए हैंग़मों की धूप के आगे ख़ुशी के साए हैं
सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमाराहम बुलबुलें हैं इस की ये गुलसिताँ हमारा
बात तक करनी न आती थी तुम्हेंये हमारे सामने की बात है
ख़ुदा ऐसे एहसास का नाम हैरहे सामने और दिखाई न दे
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