aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "thamtaa"
उठता है एक पाँव तो थमता है एक पाँवनक़्श-ए-क़दम की तरह कहाँ घर बनाएँ हम
दिल थामता कि चश्म पे करता तिरी निगाहसाग़र को देखता कि मैं शीशा सँभालता
जब तुम्हारी ये मातमी आँखेंमुस्कुराती हैं शोर थमता है
रग-ए-संग से टपकता वो लहू कि फिर न थमताजिसे ग़म समझ रहे हो ये अगर शरार होता
यूँ जो तकता है आसमान को तूकोई रहता है आसमान में क्या
थकना भी लाज़मी था कुछ काम करते करतेकुछ और थक गया हूँ आराम करते करते
अदा से देख लो जाता रहे गिला दिल काबस इक निगाह पे ठहरा है फ़ैसला दिल का
एक सफ़र वो है जिस मेंपाँव नहीं दिल थकता है
जितना देखो उसे थकती नहीं आँखें वर्नाख़त्म हो जाता है हर हुस्न कहानी की तरह
मय पी के जो गिरता है तो लेते हैं उसे थामनज़रों से गिरा जो उसे फिर किस ने सँभाला
थमते थमते थमेंगे आँसूरोना है कुछ हँसी नहीं है
हँसी थमी है इन आँखों में यूँ नमी की तरहचमक उठे हैं अंधेरे भी रौशनी की तरह
मैं तमाम दिन का थका हुआ तू तमाम शब का जगा हुआज़रा ठहर जा इसी मोड़ पर तेरे साथ शाम गुज़ार लूँ
वो एक अक्स कि पल भर नज़र में ठहरा थातमाम उम्र का अब सिलसिला है मेरे लिए
हैरत से तकता है सहरा बारिश के नज़राने कोकितनी दूर से आई है ये रेत से हाथ मिलाने को
मैं ज़ख़्म खा के गिरा था कि थाम उस ने लियामुआफ़ कर के मुझे इंतिक़ाम उस ने लिया
यहाँ तक आते आते सूख जाती है कई नदियाँमुझे मालूम है पानी कहाँ ठहरा हुआ होगा
पास जब तक वो रहे दर्द थमा रहता हैफैलता जाता है फिर आँख के काजल की तरह
बच्चे मेरी उँगली थामे धीरे धीरे चलते थेफिर वो आगे दौड़ गए मैं तन्हा पीछे छूट गया
बरसात थम चुकी है मगर हर शजर के पासइतना तो है कि आप का दामन भिगो सके
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