aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "thuuk"
यूँ ख़ाक में मिला के न अरमान जाइएग़ुस्से को थूक दीजिए और मान जाइए
इस सफ़र में नींद ऐसी खो गईहम न सोए रात थक कर सो गई
ऐ शख़्स मैं तेरी जुस्तुजू सेबे-ज़ार नहीं हूँ थक गया हूँ
हाँ ठीक है मैं अपनी अना का मरीज़ हूँआख़िर मिरे मिज़ाज में क्यूँ दख़्ल दे कोई
थकना भी लाज़मी था कुछ काम करते करतेकुछ और थक गया हूँ आराम करते करते
दुश्मनी का सफ़र इक क़दम दो क़दमतुम भी थक जाओगे हम भी थक जाएँगे
अब ये भी नहीं ठीक कि हर दर्द मिटा देंकुछ दर्द कलेजे से लगाने के लिए हैं
अजब चराग़ हूँ दिन रात जलता रहता हूँमैं थक गया हूँ हवा से कहो बुझाए मुझे
ये ठीक है नहीं मरता कोई जुदाई मेंख़ुदा किसी को किसी से मगर जुदा न करे
थक गया मैं करते करते याद तुझ कोअब तुझे मैं याद आना चाहता हूँ
यही वो दिन थे जब इक दूसरे को पाया थाहमारी साल-गिरह ठीक अब के माह में है
सिरहाने 'मीर' के कोई न बोलोअभी टुक रोते रोते सो गया है
ठीक है ख़ुद को हम बदलते हैंशुक्रिया मश्वरत का चलते हैं
ज़रा सा साथ दो ग़म के सफ़र मेंज़रा सा मुस्कुरा दो थक गया हूँ
दिल को सँभाले हँसता बोलता रहता हूँ लेकिनसच पूछो तो 'ज़ेब' तबीअत ठीक नहीं होती
तुम्हें भी नींद सी आने लगी है थक गए हम भीचलो हम आज ये क़िस्सा अधूरा छोड़ देते हैं
सुकून-ए-दिल के लिए इश्क़ तो बहाना थावगरना थक के कहीं तो ठहर ही जाना था
तुम्हारा सिर्फ़ हवाओं पे शक गया होगाचराग़ ख़ुद भी तो जल जल के थक गया होगा
रेत पर थक के गिरा हूँ तो हवा पूछती हैआप इस दश्त में क्यूँ आए थे वहशत के बग़ैर
अपने अंदर हँसता हूँ मैं और बहुत शरमाता हूँख़ून भी थूका सच-मुच थूका और ये सब चालाकी थी
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