आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "vaabasta"
शेर के संबंधित परिणाम "vaabasta"
शेर
इक न इक ज़ुल्मत से जब वाबस्ता रहना है तो 'जोश'
ज़िंदगी पर साया-ए-ज़ुल्फ़-ए-परेशाँ क्यूँ न हो
जोश मलीहाबादी
शेर
मोहब्बत चीख़ भी ख़ामोशी भी नग़्मा भी ना'रा भी
ये इक मज़मून है कितने ही उनवानों से वाबस्ता
हफ़ीज़ मेरठी
शेर
हिज्र के तपते मौसम में भी दिल उन से वाबस्ता है
अब तक याद का पत्ता पत्ता डाली से पैवस्ता है
ग़ुलाम मोहम्मद क़ासिर
शेर
तेरी ही ज़ात से तो है वाबस्ता ये तिलिस्म
हम होवें फिर कहाँ के अगर हम में तू न हो
मुसहफ़ी ग़ुलाम हमदानी
शेर
कैसे मुमकिन है कि क़िस्से जिस से सब वाबस्ता हों
वो चले और साथ उस के दास्ताँ कोई न हो
फ़य्याज़ फ़ारुक़ी
शेर
हादसात-ए-दहर में वाबस्ता-ए-अर्बाब-ए-दर्द
ली जहाँ करवट किसी ने इंक़लाब आ ही गया
मिर्ज़ा मोहम्मद हादी अज़ीज़ लखनवी
शेर
वही इक क़िस्सा अब तक ध्यान में रौशन नहीं होता
तसलसुल जिस से वाबस्ता है पिछली दास्तानों का
अब्दुल मन्नान समदी
शेर
न अपने ज़ब्त को रुस्वा करो सता के मुझे
ख़ुदा के वास्ते देखो न मुस्कुरा के मुझे