आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "vaaz"
शेर के संबंधित परिणाम "vaaz"
शेर
तुम्हारे वाज़ में तासीर तो है हज़रत-ए-वाइज़
असर लेकिन निगाह-ए-नाज़ का भी कम नहीं होता
अकबर इलाहाबादी
शेर
धूम कर रक्खी थी कल रिंदों ने बज़्म-ए-वा'ज़ में
पगड़ी ग़ाएब थी जनाब-ए-शैख़ की गुल था चराग़
नातिक़ गुलावठी
शेर
हज़ारों साल नर्गिस अपनी बे-नूरी पे रोती है
बड़ी मुश्किल से होता है चमन में दीदा-वर पैदा
अल्लामा इक़बाल
शेर
हैं और भी दुनिया में सुख़न-वर बहुत अच्छे
कहते हैं कि 'ग़ालिब' का है अंदाज़-ए-बयाँ और
मिर्ज़ा ग़ालिब
शेर
कहाँ मय-ख़ाने का दरवाज़ा 'ग़ालिब' और कहाँ वाइज़
पर इतना जानते हैं कल वो जाता था कि हम निकले