आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "'हैदर'"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "'हैदर'"
ग़ज़ल
सुन तो सही जहाँ में है तेरा फ़साना क्या
कहती है तुझ को ख़ल्क़-ए-ख़ुदा ग़ाएबाना क्या
हैदर अली आतिश
ग़ज़ल
मगर उस को फ़रेब-ए-नर्गिस-ए-मस्ताना आता है
उलटती हैं सफ़ें गर्दिश में जब पैमाना आता है
हैदर अली आतिश
ग़ज़ल
फ़रेब-ए-हुस्न से गब्र-ओ-मुसलमाँ का चलन बिगड़ा
ख़ुदा की याद भूला शैख़ बुत से बरहमन बिगड़ा