आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "'pankaj'"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "'pankaj'"
ग़ज़ल
तुम्हारा ग़म न हो तो ज़िंदगी अच्छी नहीं लगती
ख़मोशी से बहे जो वो नदी अच्छी नहीं लगती
पंकज सुबीर
ग़ज़ल
दश्ना-ए-ग़म्ज़ा जाँ-सिताँ नावक-ए-नाज़ बे-पनाह
तेरा ही अक्स-ए-रुख़ सही सामने तेरे आए क्यूँ
मिर्ज़ा ग़ालिब
ग़ज़ल
चले लाख चाल दुनिया हो ज़माना लाख दुश्मन
जो तिरी पनाह में हो उसे क्या किसी से डरना