आपकी खोज से संबंधित
परिणाम ",kuR9"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम ",kur9"
ग़ज़ल
कुर्रा-ए-अर्ज़ ने देखा ही न था वो ख़ुर्शीद
जिस की गर्दिश में शब ओ रोज़ मिरी ज़ात रही
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम ",kuR9"
कुर्रा-ए-अर्ज़ ने देखा ही न था वो ख़ुर्शीद
जिस की गर्दिश में शब ओ रोज़ मिरी ज़ात रही