aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम ",ltaw"
मुनाफ़िक़ों की बड़ी फ़ौज उस से डरती थीऔर उस के पास न था कोई लाव-लश्कर भी
मार्शल-ला का मैं हामी तो नहीं हूँ लेकिनदौर-ए-जम्हूर भी अब बंद गली होता है
उड़ते हैं हवा की सम्त ज़र्रेयादों के चले हैं लाव-लश्कर
लाव-लश्कर जाह-ओ-हशमत है यहाँशाह कोई कब सलामत है यहाँ
आतिश-ए-मेदा को नहीं सेरीजूँ जहन्नम करे है लाव ही लाव
बहत्तर और मुक़ाबिल लाव लश्करमगर हक़ पर ये वक़्त अक्सर पड़ा है
लाव-लश्कर मियाँ रहते मिरे आगे पीछेकाश रहती मिरे अज्दाद की जागीर अभी
मैं मिसाल-ए-किरमक-ए-शब बनूँ जो जलूँ तो नूर अता करूँग़म-ए-ज़ात का मैं अमीं नहीं लव-ए-शम्अ' पर जो जला करूँ
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