आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "آبدیدہ"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "آبدیدہ"
ग़ज़ल
सुराही गर्दन वो आबगीना फिर आगे सीना भी जूँ नगीना
भरा है जिस में तमाम कीना कि जूँ नगीना दमक रहा है
नज़ीर अकबराबादी
ग़ज़ल
बसर हो मय-कदे में पंज-शम्बा बैठ कर जिस का
जो मय-नोशी में कर दे सुब्ह आदीना उसी का है