आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "جگمگ"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "جگمگ"
ग़ज़ल
सदियों के दिल की धड़कन है उन की जागती आँखों में
ये जो फ़लक पर हँसमुख चंचल जगमग जगमग तारे हैं
जमील मलिक
ग़ज़ल
कौन हमारा दर्द बटाए कौन हमारा थामे हात
उन के नगर में जगमग-जगमग अपने देस में रात ही रात
जमील मलिक
ग़ज़ल
आओ साँसों के पाँव में यूँ पायल हम पहना दें
मेरी माँग के जगमग तारे चमके तुमरी पगड़ी में
ताैफ़ीक़ साग़र
ग़ज़ल
कहीं ज़ुल्मतों में घिर कर है तलाश-ए-दश्त-ए-रहबर
कहीं जगमगा उठी हैं मिरे नक़्श-ए-पा से राहें
मजरूह सुल्तानपुरी
ग़ज़ल
मेरी दुनिया जगमगा उट्ठी किसी के नूर से
मेरे गर्दूं पर मिरा माह-ए-तमाम आ ही गया
असरार-उल-हक़ मजाज़
ग़ज़ल
राख होते जा रहे हैं माह-ओ-साल-ए-ज़िंदगानी
जगमगा उठ्ठा जहाँ हम साथ पल दो पल रहे हैं