aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "حویلی"
अजब हालात थे यूँ दिल का सौदा हो गया आख़िरमोहब्बत की हवेली जिस तरह नीलाम हो जाए
सो गए लोग उस हवेली केएक खिड़की मगर खुली है अभी
इक हवेली हूँ उस का दर भी हूँख़ुद ही आँगन ख़ुद ही शजर भी हूँ
तमाम उम्र जो निकले न थे हवेली सेवो एक गुम्बद-ए-बे-दर में जा के लेट गए
क्यूँ हवेली के उजड़ने का मुझे अफ़्सोस होसैकड़ों बे-घर परिंदों के ठिकाने हो गए
अनमोल मोती प्यार के दुनिया चुरा कर ले गईदिल की हवेली का कोई दरवाज़ा था टूटा हुआ
ये जो सुना इक दिन वो हवेली यकसर बे-आसार गिरीहम जब भी साए में बैठे दिल पर इक दीवार गिरी
बाँहों में आ सका न हवेली का इक सुतूनपुतली में मेरी आँख की सहरा सिमट गया
वर्ना वही उजाड़ हवेली सी ज़िंदगीतुम आ गए तो वक़्त ठिकाने से कट गया
चीख़ता खंडर है रोती है हवेली दिल कीघर ये आसेब-ज़दा है तिरे जाने के बाद
जिस के आँगन से खुले थे मिरे सारे रस्तेउस हवेली पे भला कैसे मैं ताला देखूँ
किवाड़ गरचे मुक़फ़्फ़ल थे उस हवेली केमगर फ़क़ीर गुज़रते रहे सदा करते
'अजीब ख़ौफ़ मुसल्लत था कल हवेली परलहु चराग़ जलाती रही हथेली पर
न ढूँढो कहीं भी मिलूँगा यहीं पेये उजड़ी हवेली ही मेरा पता है
दिल की हवेली पर मुद्दत सेख़ामोशी का क़ुफ़्ल पड़ा है
जिस को बचाए रखने में अज्दाद बिक गएहम ने उसी हवेली को नीलाम कर दिया
हवेली के मकीं तो चाहते थेकि घर ही में रहे ये घर की लड़की
दो दरवाज़े एक हवेली आमद रुख़्सत एक पहेलीकोई जा कर आने को है कोई आ कर जाने को है
तमाम रात मैं गिरती हुई हवेली मेंदिलों से निकली हुई बद-दुआ' सा लगता हूँ
बाग़ में कल रात फूलों की हवेली लुट गईचश्म-ए-शबनम से चुरा कर ले गया ठंडक कोई
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