आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "سیب"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "سیب"
ग़ज़ल
मेरा साँस उखड़ते ही सब बैन करेंगे रोएँगे
या'नी मेरे बा'द भी या'नी साँस लिए जाते होंगे
जौन एलिया
ग़ज़ल
अमीर मीनाई
ग़ज़ल
मैं वो मजनूँ हूँ जो निकलूँ कुंज-ए-ज़िंदाँ छोड़ कर
सेब-ए-जन्नत तक न खाऊँ संग-ए-तिफ़्लाँ छोड़ कर
शेख़ इब्राहीम ज़ौक़
ग़ज़ल
किसी चश्म-ए-सियह का जब हुआ साबित मैं दीवाना
तो मुझ से सुस्त हाथी की तरह जंगली हिरन बिगड़ा
हैदर अली आतिश
ग़ज़ल
सीने पे कहा मैं ने ये दो सेब हैं क्या हैं
शर्मा के ये चुपके से कहा और ही कुछ है
नज़ीर अकबराबादी
ग़ज़ल
रश्क-ए-ख़ुर्शीद जबीं अब्र-ए-सियह सी पट्टी
लहर चोटी की ग़ज़ब ज़ुल्फ़-ए-परेशान परी
नज़ीर अकबराबादी
ग़ज़ल
नाज़-अदा और ग़मज़ों के कुछ और ही कतरेगी गुल-फूल
सीन लगावट चितवन का भी और ही इत्र निकालेगी
नज़ीर अकबराबादी
ग़ज़ल
ज़क़न है सेब तो उन्नाब है लब-ए-शीरीं
नहीं है सर्व वो ख़ुश-क़द जो मेवा-दार न हो
इमाम बख़्श नासिख़
ग़ज़ल
दिल मिरा ज़ुल्फ़ की ज़ंजीर सीं है बाज़ी में
अपने इस काम का क्या होश है दीवाने में