आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "شمشاد"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "شمشاد"
ग़ज़ल
जुएँ पड़ी बहती हैं जा देख गुलिस्ताँ में
तुझ क़द से ख़जिल हो कर शमशाद बहुत रोया
मोहम्मद रफ़ी सौदा
ग़ज़ल
दीद उस की है करो जिस ने बनाया सब कुछ
न कि हर लहज़ा फ़िदा-ए-गुल-ओ-शमशाद रहो
इंशा अल्लाह ख़ान इंशा
ग़ज़ल
क़द ओ गेसू को तुम शमशाद ओ सुम्बुल कह के क्या लोगे
क़द ओ गेसू को मैं दार-ओ-रसन कह दूँ तो क्या होगा
शाद आरफ़ी
ग़ज़ल
बशर तन्हा नहीं दीवाने उस शमशाद-क़ामत के
शजर जकड़े हुए हैं इश्क़-ए-पेची की सलासिल में
सय्यद यूसुफ़ अली खाँ नाज़िम
ग़ज़ल
बुलबुलें गुल से ख़फ़ा हों क़ुमरियाँ शमशाद से
सैर हो चलिए जो आप ऐ यार क़ैसर-बाग़ में
वज़ीर अली सबा लखनवी
ग़ज़ल
कभी पैरों से आँखों तक चुभन महसूस होती है
कभी ये ज़िंदगी मुझ को चमन महसूस होती है
इमरान शमशाद नरमी
ग़ज़ल
हमारे यार की क़ीमत को क्या तुम ने नहीं देखा
खड़े हो सर्व शमशाद ओ सनोबर! तुम जो जियूँ तन के