आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "قطع"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "قطع"
ग़ज़ल
हज़ार इंकार या क़त-ए-तअल्लुक़ उस से कर नासेह
मगर हिर-फिर के होंटों पर उसी का नाम आएगा
शाद अज़ीमाबादी
ग़ज़ल
है क़त्अ रह-ए-इश्क़ में ऐ 'ज़ौक़' अदब शर्त
जूँ शम्अ तू अब सर ही के बल जाए तो अच्छा
शेख़ इब्राहीम ज़ौक़
ग़ज़ल
हो क़त्अ नख़्ल-ए-उल्फ़त अगर फिर भी सब्ज़ हो
क्या हो जो फेंके जड़ ही से उस को उखेड़ तू
शेख़ इब्राहीम ज़ौक़
ग़ज़ल
अब्दुल हमीद अदम
ग़ज़ल
ब-सइ-ए-ग़ैर है क़त-ए-लिबास-ए-ख़ाना-वीरानी
कि नाज़-ए-जादा-ए-रह रिश्ता-ए-दामान-ए-सहरा है