aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "لگانے"
अब ये भी नहीं ठीक कि हर दर्द मिटा देंकुछ दर्द कलेजे से लगाने के लिए हैं
ऐ दिल-ए-शेफ़्ता में आग लगाने वालेरंग लाया है ये लाखे का जमाना तेरा
जानता था कि सितमगर है मगर क्या कीजेदिल लगाने के लिए और कोई था भी नहीं
हवाएँ तेज़ थीं ये तो फ़क़त बहाने थेसफ़ीने यूँ भी किनारे पे कब लगाने थे
मोहज़्ज़ब आदमी पतलून के बटन तो लगाकि इर्तिक़ा है इबारत बटन लगाने से
हम तिरा हिज्र मनाने के लिए निकले हैंशहर में आग लगाने के लिए निकले हैं
साथ जब तुम निभा नहीं पातेक्या ज़रूरत थी दिल लगाने की
माना कि मिरे घर से अदावत ही तुझे हैरहने को न आ आग लगाने के लिए आ
तितली के जैसी है मेरी हर ख़्वाहिशहाथ लगाने से पहले उड़ जाती है
हाथ जिस को लगा नहीं सकताउस को आवाज़ तो लगाने दो
डरता हूँ आइने को लगाने से हाथ मैंकहता ये आईना है मुझे मार दीजिए
अपने हम-ज़ाद दरख़्तों में खड़ा सोचता हूँमैं तो आया था इन्हें आग लगाने के लिए
आग बहते हुए पानी में लगाने आईतेरे ख़त आज मैं दरिया में बहाने आई
शो'ला ही सही आग लगाने के लिए आफिर नूर के मंज़र को दिखाने के लिए आ
क़र्या-ए-जाँ में कोई फूल खिलाने आएवो मिरे दिल पे नया ज़ख़्म लगाने आए
ख़ाल-ए-लब-ए-शीरीं का दिया बोसा कब उस नेइक चाट लगाने को मिरे नीशकरी दी
सब मुझ पे मोहर-ए-जुर्म लगाते चले गएमैं सब को अपने ज़ख़्म दिखाने में रह गया
न सोचा था ये दिल लगाने से पहलेकि टूटेगा दिल मुस्कुराने से पहले
आँसू पोंछ के हँस देता हैआग में आग लगाने वाला
हर मुलाक़ात पे सीने से लगाने वालेकितने प्यारे हैं मुझे छोड़ के जाने वाले
Devoted to the preservation & promotion of Urdu
A Trilingual Treasure of Urdu Words
Online Treasure of Sufi and Sant Poetry
World of Hindi language and literature
The best way to learn Urdu online
Best of Urdu & Hindi Books