आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "لہرائی"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "لہرائی"
ग़ज़ल
इस मौसम-ए-गुल ही से बहके नहीं दीवाने
साथ अब्र-ए-बहाराँ के वो ज़ुल्फ़ भी लहराई
सूफ़ी ग़ुलाम मुस्ताफ़ा तबस्सुम
ग़ज़ल
मिरे शानों पे उन की ज़ुल्फ़ लहराई तो क्या होगा
मोहब्बत को ख़ुनुक साए में नींद आई तो क्या होगा
उनवान चिश्ती
ग़ज़ल
जब छाई घटा लहराई धनक इक हुस्न-ए-मुकम्मल याद आया
उन हाथों की मेहंदी याद आई उन आँखों का काजल याद आया