आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "محاسن"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "محاسن"
ग़ज़ल
दुनिया परख चुके हैं महासिन हयात के
निय्यत में फ़र्क़ आया कि इंसाँ बुरा हुआ
बिशन दयाल शाद देहलवी
ग़ज़ल
दुनिया परख चुके हैं महासिन हयात के
निय्यत में फ़र्क़ आया कि इंसाँ बुरा हुआ