आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "مخبر"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "مخبر"
ग़ज़ल
वो मुख़्बिर-ए-रक़ीब है मैं हूँ शहीद-ए-‘इश्क़
ये अपनी अपनी हिम्मत-ओ-ग़ैरत की बात है
अकबर इलाहाबादी
ग़ज़ल
ये मिस्रा-ए-मुख़्बिर-ए-मुसीबत कमाल हम को पसंद आया
'नसीम' जागो कमर को बाँधो उठाओ बिस्तर कि रात कम है
नसीम देहलवी
ग़ज़ल
इश्क़ के मुख़्बिर को अपना राज़-दाँ समझा था मैं
रहज़न-ए-मंज़िल को मीर-ए-कारवाँ समझा था में
सयय्द महमूद हसन क़ैसर अमरोही
ग़ज़ल
गो पीर-ज़न है मुख़्बिर बाइ'स तो है ये आख़िर
आलूदा दस्त-ए-शीरीं है ख़ून-ए-कोहकन में