आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "منار_بلند"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "منار_بلند"
ग़ज़ल
किस किस का मुँह बंद करोगे किस किस को समझाओगे
दिल की बात ज़बाँ पर ला के देखो तुम पछताओगे
मुर्तज़ा बरलास
ग़ज़ल
कोई आग लम्स की फेंक दे मिरे बंद बंद के सामने
चले फ़िल्म कोई विसाल की दिल-ए-हिज्र-मंद के सामने
मंसूर आफ़ाक़
ग़ज़ल
तजल्ली गर तिरी पस्त ओ बुलंद उन को न दिखलाती
फ़लक यूँ चर्ख़ क्यूँ खाता ज़मीं क्यूँ फ़र्श हो जाती
मज़हर मिर्ज़ा जान-ए-जानाँ
ग़ज़ल
जहाँ की सर-बुलंदी का मआल-ए-कार पस्ती है
नशात-ओ-ऐश-ए-मुनइम पर है मुफ़लिस ख़ंदा-ज़न क्या क्या