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ग़ज़ल
न पाया दर्दमंद-ए-दूरी-ए-यारान-ए-यक-दिल ने
सवाद-ए-ख़त्त-ए-पेशानी से नुस्ख़ा मोम्याई का
मिर्ज़ा ग़ालिब
ग़ज़ल
शिकस्त-ए-ख़ातिर-ए-अहबाब होती है दुरुस्त इस से
तवज्जोह में तिरी ऐ यार असर है मोम्याई का
हैदर अली आतिश
ग़ज़ल
मिरा दिल है गिर्या मस्कन मिरे लब तराना मंज़िल
मिरी नय शिकस्त-ए-ख़ातिर मिरी लय है मोम्याई
जोश मलीहाबादी
ग़ज़ल
मैं दिल पर चोट खाऊँ उन परी-रूयों के हाथों से
मुझे नुस्ख़ा अगर कोई बता दे मोम्याई का
मास्टर बासित बिस्वानी
ग़ज़ल
अगर उस ने कभी तोड़ा हमारे गौहर-ए-दिल को
हम उस के हक़ में उस के टूटने को मोमिया समझे
सरदार गंडा सिंह मशरिक़ी
ग़ज़ल
शिकस्ता-दिल हैं हर दम हर घड़ी हैं जान के लाले
करूँ क्या नोश-दारू को मैं क्या लूँ मूसियाई को