आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "نبھانا"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "نبھانا"
ग़ज़ल
ये दुनिया है यहाँ दिल को लगाना किस को आता है
हज़ारों प्यार करते हैं निभाना किस को आता है
शकील बदायूनी
ग़ज़ल
कासा-ए-शाम में सूरज का सर और आवाज़-ए-अज़ाँ
और आवाज़-ए-अज़ाँ कहती है फ़र्ज़ निभाना है