aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "چنبیلی"
वो ख़्वाब थे ही चँबेलियों से सो सब ने हाकिम की कर ली बै'अतफिर इक चँबेली की ओट में से जो साँप निकले तो लोग समझे
फिर तुम्हें रोज़ सँवारें तुम्हें बढ़ता देखेंक्यूँ न आँगन में चमेली सा लगा लें तुम को
ख़ुशबू की तिजारत ने दीवार खड़ी कर दीआँगन की चमेली में बाज़ार के बेले में
सुनेगा कौन मगर एहतिजाज ख़ुश्बू काकि साँप ज़हर छिड़कता रहा चमेली पर
इक पीली चमकीली चिड़िया काली आँख नशीली सीबैठी है दरिया के किनारे मेरी तरह अकेली सी
ये मोतिया ये चमेली ये मोगरा ये गुलाबये सारे गहने ये ज़ेवर उसी से मिलते हैं
इसी ने बोए शुकूक दिल में इसी चम्बेली का नाम दुख हैतुम्हारे पहलू से लग के बैठी हुई सहेली का नाम दुख है
प्यार किस का मिला है मिट्टी मेंइस चम्बेली तले महक है वही
महके हैं तिरे जिस्म की ख़ुशबू से फ़ज़ाएँनाराज़ न हों चम्पा चमेली तो बताऊँ
बन तो सकता था नया इक कमराअपने आँगन की चमेली जाती
तेरे जहाँ को महकाऊँचम्पा और चमेली हूँ
कान में मोती हाथ में कंगन फूल चमेली का जूड़े मेंक्या क्या रंग जमाने वाले आँखें जिन से बसीं, मिलते हैं
आज बुलबुल ने उस चमेली सेजाने क्या कान में कहा होगा
बस इक तिरा चेहरा ही न था महफ़िल-ए-गुल मेंबेला भी था चम्पा भी चमेली भी वहीं थी
पी सुख के झूले में झूलेशाख़ पे जैसे फूल चम्बेली
बेला चम्पा जूही और चमेली सीबेटी ख़ुशबू से घर को महकाती है
अफ़ई भी सो रहे हैं चमेली की छाँव मेंनौ-वारिद-ए-चमन हो सँभल कर चला करो
हर तरफ़ थी बड़ी महकार मेरे आँगन मेंअपने फूलों के लिए मेरी चमेली चुप है
आँगन है न डेवढ़ी न चमेली का वो मंडवाशहरों ने बदल डाला है मफ़्हूम मकाँ का
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