आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "کتا"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "کتا"
ग़ज़ल
हज़ारों ख़्वाहिशें ऐसी कि हर ख़्वाहिश पे दम निकले
बहुत निकले मिरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले
मिर्ज़ा ग़ालिब
ग़ज़ल
मग़रिब मुझे खींचे है तो रोके मुझे मशरिक़
धोबी का वो कुत्ता हूँ कि जो घाट न घर का
अब्दुल अज़ीज़ ख़ालिद
ग़ज़ल
मिरे हम-नफ़स मिरे हम-नवा मिरी ज़िंदगी का हर एक पल
है उदास कित्ता तू देख ले तिरी इक नज़र की तलाश है
हलीमा सादिया शगुफ़्ता
ग़ज़ल
हाए दुनिया में किसी में नहीं इतनी भी वफ़ा
जितना कुत्ता है वफ़ादार बड़ी मुश्किल है