आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "अगले"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "अगले"
ग़ज़ल
अब न अगले वलवले हैं और न वो अरमाँ की भीड़
सिर्फ़ मिट जाने की इक हसरत दिल-ए-'बिस्मिल' में है
बिस्मिल अज़ीमाबादी
ग़ज़ल
अहमद सलमान
ग़ज़ल
रेख़्ते के तुम्हीं उस्ताद नहीं हो 'ग़ालिब'
कहते हैं अगले ज़माने में कोई 'मीर' भी था
मिर्ज़ा ग़ालिब
ग़ज़ल
मैं खिला हूँ तो उसी ख़ाक में मिलना है मुझे
वो तो ख़ुश्बू है उसे अगले नगर जाना है
अमजद इस्लाम अमजद
ग़ज़ल
अब किसी में अगले वक़्तों की वफ़ा बाक़ी नहीं
सब क़बीले एक हैं अब सारी ज़ातें एक सी