aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "अहद-ए-वफ़ा"
तोहफ़ा-ए-अहद-ए-वफ़ा दीजिए आपबेवफ़ा हूँ तो सज़ा दीजिए आप
हसरत-ए-अहद-ए-वफ़ा बाक़ी हैतेरी आँखों में हया बाक़ी है
सदा-ए-अहद-ए-वफ़ा को ज़वाल क्यूँ आयालब-ए-सुकूत पे हर्फ़-ए-सवाल क्यूँ आया
अपना अहद-ए-वफ़ा निभाता हूँअब उसे रोज़ गुनगुनाता हूँ
सिर्फ़ अह्द-ए-वफ़ा नहीं बाक़ीवर्ना दुनिया में क्या नहीं बाक़ी
अपने अहद-ए-वफ़ा को भूल गएतुम तो बिल्कुल ख़ुदा को भूल गए
गिला फ़ुज़ूल था अहद-ए-वफ़ा के होते हुएसो चुप रहा सितम-ए-ना-रवा के होते हुए
हम कि तजदीद-ए-अहद-ए-वफ़ा कर चले आबरू-ए-जुनूँ कुछ सिवा कर चलेख़ुद तो जैसे कटी ज़िंदगी काट ली हाँ नए दौर की इब्तिदा कर चले
'अहद-ए-वफ़ा से अपने मुकर जाना चाहिएअब लग रहा है लौट के घर जाना चाहिए
कोई अहद-ए-वफ़ा भूला हुआ हूँनहीं कुछ याद क्या भूला हुआ हूँ
'अहद-ए-वफ़ा ने जान लिया इंतिज़ार कोमुश्किल में ला दिया है बहुत अपने प्यार को
हम ने किसी को अहद-ए-वफ़ा से रिहा कियाअपनी रगों से जैसे लहू को जुदा किया
मैं सारी उम्र अहद-ए-वफ़ा में लगा रहाअंजाम कह रहा है ख़ता में लगा रहा
अहद-ए-वफ़ा का क़र्ज़ अदा कर दिया गयामहरूमियों का दर्द अता कर दिया गया
कहा था किस ने कि अहद-ए-वफ़ा करो उस सेजो यूँ किया है तो फिर क्यूँ गिला करो उस से
किसी ने कर लिया अहद-ए-वफ़ा मा'लूम होता हैहुआ है दर्द अपनी ख़ुद दवा मा'लूम होता है
अहद-ए-वफ़ा न याद दिलाएँ तो क्या करेंहम उन को हाल-ए-दिल न सुनाईं तो क्या करें
दोनों ही की जानिब से हो गर अहद-ए-वफ़ा होचाहत का मज़ा जब है कि तुम भी मुझे चाहो
कभी किसी को न अहद-ए-वफ़ा का पास हुआसहर का ख़्वाब अंधेरों से रू-शनास हुआ
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