aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "आन-बान"
तिरे वजूद को बस आन-बान में रक्खाकोई भी अक्स न सूने मकान में रक्खा
तीर किस आन-बान से निकलावो जो उन की कमान से निकला
देखियो 'अज़फ़री' को टुक और हीआन-बान इस जवान में कुछ है
मैं हूँ ज़ालिम की आन-बान से ख़ुशवर्ना है कौन आसमान से ख़ुश
आया है एक शख़्स अजब आन-बान कानक़्शा बदल गया है पुराने मकान का
देखा जो एक शख़्स 'अजब आन-बान काइक सिलसिला सा रहता है हर-वक़्त ध्यान का
ब-सद शिकोह ब-सद आन-बान निकलेगीहमारे साथ ज़माने की जान निकलेगी
दिखा के अपनी हसीं आन-बान पल भर मेंवो दूर कर गया मेरी थकान पल भर में
फिर चाहे तो न आना ओ आन-बान वालेझूटा ही वअ'दा कर ले सच्ची ज़बान वाले
टूटा है आज अब्र जो इस आन-बान सेबरसेगा कल लहू भी तिरे आसमान से
हम अपने पास भी रखते थे आन-बान कभीवो हुक्म होता था खुलती थी जब ज़बान कभी
आए हैं बादा-नोश बड़ी आन-बान परमेला लगा है पीर-ए-मुग़ाँ की दुकान पर
ज़मीं पे रह नहीं सकते वो आन-बान के साथबदलते रहते हैं जो रंग आसमान के साथ
किसी महल में न शाहों की आन-बान में हैसुकून जो किसी ढाबे के साएबान में है
चले गए वही कि जिन से घर की आन-बान थीमकीन के वुजूद से ही रौनक़-ए-मकान थी
अपनी महरूमियाँ छुपाते हैंहम ग़रीबों की आन-बान में क्या
जान हक़ पर लुटाइए 'मश्कूर'ज़िंदगी आन-बान में रखिए
वो गदाई गली अजब थी कि वाँअपनी इक आन-बान में गुज़री
जितने भी मसअले हैं दुनिया मेंमसअले सारे आन-बान के हैं
हक़ीक़तों से रब्त टूट भी चुकागुमाँ की सारी आन-बान झेलिए
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