आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "इख़्तियारात"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "इख़्तियारात"
ग़ज़ल
इख़्तियारात किसी और तो क्या ख़ुद पे नहीं
मौज-ए-ख़ूँ भी है जहान-ए-दिगराँ क्या कहिए
हामिद इलाहाबादी
ग़ज़ल
न सवाल-ए-वस्ल न अर्ज़-ए-ग़म न हिकायतें न शिकायतें
तिरे अहद में दिल-ए-ज़ार के सभी इख़्तियार चले गए
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
ग़ज़ल
मैं हूँ भी और नहीं भी अजीब बात है ये
ये कैसा जब्र है मैं जिस के इख़्तियार में हूँ
मुनीर नियाज़ी
ग़ज़ल
हमीं से रंग-ए-गुलिस्ताँ हमीं से रंग-ए-बहार
हमीं को नज़्म-ए-गुलिस्ताँ पे इख़्तियार नहीं