आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "उल्फ़त-ए-रुस्वा"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "उल्फ़त-ए-रुस्वा"
ग़ज़ल
पास-ए-नामूस ने फिर रुख़्सत-ए-रफ़्तन चाही
शोहरत-ए-हुस्न वही उल्फ़त-ए-रुस्वा है वही
ग़ुलाम भीक नैरंग
ग़ज़ल
नशा उतरा मगर अब भी तुम्हारी मस्त आँखों से
पिए थे जो मय-ए-उल्फ़त के साग़र याद आते हैं
ए. डी. अज़हर
ग़ज़ल
इब्न-ए-इंशा
ग़ज़ल
इब्न-ए-इंशा
ग़ज़ल
बात करने से भी नफ़रत हो गई दिलदार को
वाह-रे इज़हार-ए-उल्फ़त वाह-रे तासीर-ए-इश्क़