आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "ख़ातिर-ओ-तवाज़ो"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "ख़ातिर-ओ-तवाज़ो"
ग़ज़ल
क़ुबूल-ए-ख़ातिर-ओ-लुत्फ़-ए-सुख़न ऐ 'रश्क' और ही है
नहीं तो शाइ'रों से और क्या क्या हो नहीं सकता
मीर अली औसत रशक
ग़ज़ल
थका आख़िर को मजनूँ ग़म से राह-ए-इश्क़ में मेरे
ग़ुबार-ए-ख़ातिर ओ आँसू की बारिश देख कर चहला
शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम
ग़ज़ल
'अख़्तर'-ए-ना-शाद की परछाईं से बचते रहें
जो ज़माने में शगुफ़्ता-ख़ातिर ओ दिल-ए-शाद हैं
अख़्तर अंसारी
ग़ज़ल
कोहकन ओ मजनूँ की ख़ातिर दश्त-ओ-कोह में हम न गए
इश्क़ में हम को 'मीर' निहायत पास-ए-इज़्ज़त-दाराँ है
मीर तक़ी मीर
ग़ज़ल
मैं झूट सच भी यक-दम आँसू न उन के पोंछे
जो चश्म रोज़-ओ-शब हैं ख़ूँ-बार तेरी ख़ातिर
वलीउल्लाह मुहिब
ग़ज़ल
हैं तख़्त-ओ-ताज की ख़ातिर दयार-ए-कुफ़्र के सज्दे
मगर मोमिन फ़क़त अल्लाह पर विश्वास रखता है
मोहम्मद अब्दुल कबीर हनफ़ी
ग़ज़ल
अजब उस जल्वा-ए-यकता में नैरंग-ए-तमाशा है
नई सूरत से चमका ख़ातिर-ए-शेख़-ओ-बरहमन पर
मिर्ज़ा अब्दुल ग़फ़ूर गोरगानी अरशद
ग़ज़ल
गुल-चीन-ओ-गुल-फ़रोश की ख़ातिर है फ़स्ल-ए-गुल
और क़िस्मत-ए-जुनूँ है फ़क़त चाक-दामनी