आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "चढ़ेगा"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "चढ़ेगा"
ग़ज़ल
चढ़ेगा ज़हर ख़ुश्बू का उसे आहिस्ता आहिस्ता
कभी भुगतेगा वो ख़म्याज़ा फूलों को मसलने का
इक़बाल साजिद
ग़ज़ल
किसी के सर पे चढ़ा रंग 'मीर'-ओ-'ग़ालिब' का
किसी के सर पे चढ़ेगा कभी 'शहाब' का रंग
एजाज़ुलहक़ शहाब
ग़ज़ल
दर्द का दरिया बढ़ते बढ़ते सीने तक आ पहुँचा है
और चढ़ेगा थोड़ा पानी रात घनेरी होने तक